Wing Up

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Friday, 4 July 2014

केसरी side of wall

वैधानिक चेतावनी ~ राजनीतिक सासुमाएं कृपया इस पोस्ट को बहु की बनाई चाय समझ कर या तो पी जाएँ या टेबल पर ही रहने दें। पोस्ट को संसद ना बनायें।
केजरीवाल। अरविन्द केजरीवाल। ओह..मैं इसे बांड, जेम्स बांड जैसा sound करवाना चाह रहा था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।वैसे ऐसा तो होना ही था। इसके दो कारण हैं..
पहला - जेम्स बांड एक काल्पनिक character है।
दूसरा - केजरीवाल को diabetes है।

अगर आपको ये लगता है की ये इंसान एक looser ( looser शब्द कुछ ज्यादा ही आम होगया है हम teenagers में ) है तो जरा खुद को इससे थोडा compare कर लीजिये। और अगर आप इसके थोड़े भी पास आजाते हैं तो ... आप शायद सही कह रहे हैं.
जब आप अपने 20s में friendzone जैसे शब्दों के उधेड़बून में लगे थे आपसे करीब 20-25 साल पहले इस इंसान ने सामजिक नियमों के उलट लव मैरेज जैसा जघन्य अपराध करने की गुस्ताखी की थी। इतना ही नहीं इसने अपने सामाजिक जीवन को व्यवहारिक और पारिवारिक जीवन पर पर असर भी नहीं डालने दिया ( जी नहीं मैंने उल्टा नहीं लिखा है) और इसका एक बड़ा प्रमाण आप इन्टरनेट पर फैले इसकी बेटी के बोर्ड्स और IIT के memes से आसानी से पा सकते हैं। इतना ही नहीं केजरीवाल और उनका परिवार उस उदाहरण का भी हिस्सा हैं जिसमे घर की औरत घर की जिम्मेदारियां लेती है ताकि मर्द अपने मन का काम ( भले ही वो समाज सेवा क्यूँ ना हो ) बिना किसी economic दबाव के कर सके। डरिये मत ... आपसे ऐसा करने को नहीं कह रहा हूँ क्यूंकि आपको भी पता है की आप  hypocrite हैं। और इसके बावजूद आप उनकी मनः स्थिति की गंभीरता , शालीनता और ठहराओ को उनके इंटरव्यूज में आसानी से परख सकते हैं।
ये तो कुछ ऐसी बातें थी जिनपर हमारा जवाब होता है- "अरे मौका हमें भी मिलेगा तो हम भी दिखा देंगे बड़े आये कटाक्ष करने ". लेकिन जनाब कुछ ऐसी भी खूबियाँ मैं गिना सकता हूँ जिससे शायद आपको अपने जवाब में थोड़ी तब्दीली ला सकें ( जवाब तो फिर भी आपके पास कोई ना कोई होगा ही)..
1. IIT में 1000 से कम रैंक। 
2. IAS में सफलता पाकर IRS के अंतर्गत joint commissioner इनकम टैक्स।
3. अपना NGO शुरू करके उसी डिपार्टमेंट में लोगो को घूस लेने से रोकना।
4. RTI जैसे नियमों को जनता के बीच लाकर सिस्टम में पारदर्शिता लाना और इस काम में अपने योगदान करनेके लिए Magsaysay जैसे पुरस्कारों से नवाजा जाना।
5. लोकपाल बिल को लागू करवाने के लिए सतही जोर लगाना जब की आपको पता है की पिछले चार दसक से येही कोशिश की जा रही है।
6. दिल्ली का cm बनना।
7. दो महीनों की तयारी में पंजाब जैसी जगह से चार MP's सामने लाना जिनका कोई राजनितिक इतिहास ना हो।

एक मिनट। शायद नीचे के दो points में मैं थोडा पोलिटिकल कमेन्ट कर बैठा।
8. ये पॉइंट सबसे ज़रूरी है । केजरीवाल नें हममे, जिसे हम youth कहते हैं में, राजनीती के प्रति थोड़ी उम्मीद जगाई। वो उम्मीद जो हमने दशकों पहले छोड़ दी थी। कल तक जो क्षेत्र सिर्फ गुंडों और दबंग लोगों का माना जारहा था आज आम जनता को अपनी बागडोर देने के लिए तैयार है। और आप MTV से थोडा वक़्त निकाल कर अगर न्यूज़ चैनल देखते हैं तो जनाब इसका थोडा तो श्रेय इस इंसान को जाता ही है।
ये सच है की उसने गलतियाँ की हैं जो उसे नहीं करनी चाहिए थी। ये भी सच है की उसने कुछ फैसले किये जो उसे नहीं करने चाहिए थे। ये भी सच है की उसने कई टारगेट्स बनाये जिसे छूने में वो असफल रहा। लेकिन उसके टारगेट्स steep थे। steep जिसे छू पाना आसान नहीं था। और ऐसे टारगेट्स एक achiever ही बना सकता था। इस इंसान की सफलताओं की लिस्ट असफलताओं से लम्बी है और पिक्चर अभी (बहुत) बाकी है मेरे दोस्त।
अगली बार जब आप लोकल ट्रेन में सफ़र करते हुए या BARISTA की कॉफ़ी का लुत्फ़ उठाते हुए भारत की राजनीतिक गुरुत्वाकर्षण पर अपने विचार प्रकट कर रहें हों तो उसे राजनीति तक ही केन्द्रित रखने की कोशिश करियेगा और अगर आपके पास फैक्ट्स कम पड़ गए हैं और आप पर्सनल होना भी चाहते हैं, तो एक बार ये पेज खोल लीजिएगा। शायद थोड़ी मदद मिले।
ps. अम्मा यार ...satire कौन ले गया रे इस पोस्ट का।

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