Wing Up

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Sunday, 25 August 2013

che 'YOU' Guevara

आज मैं ऐसे ही बाजार में टहल रहा था. मैं एक स्टोर में घुसा जहाँ सस्ते में quoted tee shirts मिल रही थीं. वहां मैं जैसे ही अन्दर पंहुचा एक आवाज मेरे कानों में पड़ी " भैया कोई दूसरी दिखाइये, इसमें Che Guevara की पिक्चर अच्छी नहीं आई है." मैं पलटा तो ये आवाज एक पतले से बन्दे के अन्दर से आरही थी जिसे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था की अगर इसे अफ्रीका भेज दिया जाए तो इसे वहां भी BPL कार्ड मिलने में कोई तकलीफ नहीं होगी.
मेरी जिज्ञासा बढ़ी तो मैं उसके थोडा और करीब गया. मैं उससे पूछना चाहता था की छोटू- जानते भी हो की ये कौन है या बस यूँ ही. लेकिन मैंने सोचा की अपनी इज्ज़त अपने हाथ में है इसलिए मैंने थोड़ी politeness दिखने का सोचा. मैंने उससे पुछा की ये है कौन ज़रा मुझे भी बताओ !!. उसने थोड़ी हसी दबाते हुए कहा.. "pheew .. आपको नहीं पता?? ये एक Mexican revolutionist थे. पढ़े लिखे तो लगते हैं आप."..
मुझे थोड़ी बेईज्ज़ती महसूस हुई. लेकिन कोई बात नहीं. मैंने थोड़ी सांस ली थोडा मुस्कुराया और उससे दूसरा सवाल पूछने के लिए खुद को तैयार किया. "क्या इनके बाद कभी कोई revolution नहीं हुआ? क्या कोई और हीरो नहीं हुआ पूरी दुनिया में इनके बाद? इनकी ही फोटो वाली शर्ट क्यूँ?". उसने कहा " बड़ी ऊल-जलूल बातें करते हैं आप, सभी Guevara ही पेहेनते हैं, इसलिए मैं भी लेने आया हूँ. फैशन का ज्ञान आपको नहीं है लगता है." ये कहकर उसने सामान लिया और चलता बना. लेकिन पीछे छोड़ गया एक सवाल. सवाल जो मेरे दिमाग में popcorn की तरह उछलकूद कर रहा था.

मैं खुद बहोत बड़ा फैन हूँ Che Guevara  का. मुझे उनके सिद्धांत पसंद हैं. एक सोच. एक इरादा.उसपर चलने का जूनून. लेकिन मुझे आपके बारे में शक है थोडा. हो सकता हैं की मैं गलत हूँ. लेकिन कहीं आप भी वैसे तो नहीं. जिसे Che Guevara एक चेहरा लगता है जिसे अपने tee shirt पर होने पर आप बुद्धिजीवी से लगेंगे इन बेवकूफों के बीच. क्या आपको पता है की ये है कौन. इन्होने अपने देश के लिए क्या किया. चलिए छोडिये इस सवाल को. किसी एक revolutionist का नाम ही बता दीजिये. दुनिया के ना सही अपने देश के ही किसी बन्दे का नाम लेलिजिए.
ओह...शायद मैंने कुछ ज्यादा ही 'उल ज़लूल' सवाल पूछ दिए.
 
लेकिन my dear friend विश्वास करिए आप भी इसी दौड़ का हिस्सा बन रहे हैं. Revolution आज एक पोस्टर पर बनी एक खूबसूरत पेंटिंग के बगल में लिखा एक शब्द बन कर रह गया है. आप किसी भी चीज़ को सिर्फ इसलिए follow करते हैं क्यूंकि दुसरे लोग उन्हें follow करते हैं. दुसरे देशों को छोडिये क्या आपको याद अहि की शुभाष चन्द्र बोसे जैसे लोग भी हमारे देश में हुए हैं जिन्होंने revolution जैसे शब्दों को अलग ही मायने दिए. लेकिन हमें वो याद नहीं हैं. हम उनके पोस्टर्स नहीं लगाते. हम उनकी बातें नहीं करते. और हम कर भी नहीं सकते. कैसे करेंगे. ना वक़्त है मेरे पास की उनके बारे में जानें और ना ही सौरव और कुलकर्णी के पास उनकी शक्ल वाली शर्ट ही है . भाई अच्छा थोड़ी लगता है.
 
मैं revolution की तो बात ही नहीं कर रहा. वो काफी भारी शब्द है. मैं बस आपकी और मेरी बात कर रहा हूँ. क्या हम और आप किसी भी जिंदगी के छोटे या बड़े फैसले खुद अपने दिमाग से कर पा रहे हैं. या हमारा हर फैसला जाने अनजाने दूसरों के फैसलों से प्रभावित हो रहा है. हमें इस बात को समझना चाहिए की दूसरों के चुनाव या फैसले उसकी खुद की परिस्थितियों के अनुकूल थी. ये परिस्थितियां आपके लिए पूरी तरह अलग होसकती है. जो आपके फैसलों पर भी प्रभाव डालेंगी. इसलिए आपका अंधी भीड़ में भागना थोडा जोखिम भरा हो सकता हैं. Revolution ऐसे रस्ते पर जाने को कहते हैं जहाँ आप खुद को पाते हैं. वो आप जो आपकी परिस्थितियों के अनुकूल हो. जहाँ आप अपनी जिन्दगी का कोई भी फैसला खुद के लिए करते हैं ना की दूसरों को दिखाने के लिए. एक बार आपने खुद को समझ लिया , मुझे लगता है किसी che Guevara या कम से कम उनकी tee shirt की ज़रुरत आपको नहीं ही पड़ेगी.
Happy Revolution

6 comments:

  1. Nice thought....bt prblm ye h ki log fr b waise hi rahnge...

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  2. बिलकुल सही कहा आज सभी खुद को बुद्धिजीवी और
    "इन सिंक " दिखाने के में सब कुछ करने को तैयार हैं.जब बाप ही बच्चे से बोले की बीटा हिंदी नहीं english में बात करो , तब समझ लीजिये की उधार की भाषा से उधार के हीरो ही मिलेंगे। और इतना तो मंगरुआ भी जानता है की अपनी बीवी को घुमाने के लिए उधार का scooter कभी कभी ही काम आता है. देखते हैं इस देश के युवा कब तक इस उधार के स्कूटर को चलाते हैं

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  3. nyc thot... n d best thing abt dis whole blog z ur focus to guide people .... to b just what dey r... to knw n understnd d innerself wich z prsnt widin us..a really nyc wrk!!! kudos to u.

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  4. अच्छा लग रहा है देख के तू कस के पैर जमा रहा है...बहुत बढ़िया
    और ब्लॉग के लिए ये कहूँगा Very Good Topic it is !
    ये देख के लगा जैसे revolutioners भी डिमांड के हिसाब से फेमस हो रहे हैं अब क्या करे उनकी फेसबुक पे प्रोफाइल तो थी नहीं!
    खैर बहुत अच्छा लिखा है...और चाचा पोस्ट करने से पहले स्पेल्लिंग्स चेक कर लिया कर।

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  5. over all a nice advice....but the problem is people do that so that they don't feel left out....no doubt independent thinking might give them chance to become another che guevara rather than being a fan of him...but then again following others is all what we care about...

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  6. शीर्षक अच्छा और समकालीन है। आज सबसे ज्यादा आवश्यकता भीड़ से इतर होने और सोचने की है जो आप बख़ूबी निभा रहें हैं।

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